किसान गेहूं की फसल में अपनाएं यह ट्रिक, फसल देगी बंपर पैदावार
Agriculture News नई दिल्ली । उत्तर भारत में (गेहूं की फसल) इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। तापमान 2 डिग्री के पास पहुंच गया है। इससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। लेकिन यह ठंड गेहूं की फसल के लिए काफी फायदेमंद है।

रबी सीज़न की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई अक्टूबर से शुरू हुई थी। किसानों ने मौजूदा रबी सत्र में 6 जनवरी तक 332.16 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की है। इन फसलों की कटाई मार्च अप्रैल में शुरू होगी। गेहूं की फसलों में खरपतवार लगने लगते हैं। खरपतवार से गेहूं की फसल खराब होती है। इसे देखते हुए बिहार सरकार ने किसानों को जरूरी जानकारी दी है। बिहार सरकार के कृषि विभाग ने किसानों को बताया कि जनवरी माह में कृषि से जुड़े ये काम करने जरूरी हैं।
गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए क्या करना चाहिए?
कृषि मंत्रालय के मुताबिक राजस्थान में 2.52 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 1.69 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 1.20 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 1.70 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ में 0.69 लाख हेक्टेयर, बिहार में 0.44 लाख हेक्टेयर, पश्चिम बंगाल में 0.10 लाख हेक्टेयर, जम्मू और कश्मीर में 0.06 लाख हेक्टेयर और असम में 0.03 लाख हेक्टेयर से ज्यादा गेहूं की बुआई हुई है।
जनवरी माह में खेती से जुड़े ये काम करें किसान
कृषि विभाग के मुताबिक गेहूं में खरपतवार नियंत्रण के लिए पहली सिंचाई के बाद चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार रहने पर 2.4 डी सोडियम साल्ट 80% का 500 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से बुवाई के 25-30 दिनों के अंदर छिड़काव करना चाहिए। सकरी पत्ती वाले खरपतवार ज्यादा होने पर आइसोप्रोटुरान 50% का दो किलोग्राम या 75% का दो किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से पानी में घोल बनाकर फ्लैट फैन 9 जनवरी स्प्रे मशीन छिड़काव करनी चाहिए। तना छेदक कीट के प्रबंधन के लिए 10 फैरोमीन ट्रैप प्रति हेक्टेयर लगाना चाहिए। यह अति आवश्यक होने पर डाइमेथोएट 30% ईसी 750 मिलीलीटर का पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए।