Rewari News: सिविल अस्पताल में डेढ़ साल से लिथोट्रिप्सी मशीन खराब, मरीज परेशान
Rewari News रेवाडी । शहर के नागरिक अस्पताल में किडनी की पथरी के इलाज के लिए 3 साल पहले करोड़ों रुपये खर्च कर लिथोट्रिप्सी मशीन लगाई गई थी, जो पिछले डेढ़ साल से खराब पड़ी है। मशीन खराब होने के कारण यहां किडनी में पथरी के ऑपरेशन नहीं हो पा रहे।

पीड़ितों को निजी अस्पतालों में महंगा उपचार कराना पड़ रहा है। अनुमान के मुताबिक जिले की प्राइवेट अस्पतालों में हर माह 250 से अधिक लोगों के ऑपरेशन किए जा रहे।
जिले की आबादी करीब साढ़े 10 लाख है, जिनके लिए दिसंबर 2019 में नागरिक अस्पताल को 3 करोड़ 41 लाख रुपये की लागत वाली फ्रांस निर्मित लिथोट्रिप्सी मशीन मिली थी। इसे लगाने के लिए फ्रांस से टीम रेवाड़ी अस्पताल में पहुंची थी टीम ने सर्जनों को मशीन के बारे में जानकारी भी दी थी। इसके फंक्शन के बारे में भी बताया था। बेहतर तकनीक के साथ बिना चीर-फाड़ के किडनी की पथरी का इलाज करने को अस्पताल में यह मशीन लगाई गई थी, उम्मीद थी कि मरीजों का दर्द कम होगा, मगर लचर सरकारी सिस्टम मरीजों की पीड़ा बढ़ाई हुई है।
– 30 एमएम तक की पथरी निकालने की क्षमता मशीन से किडनी स्टोन के यूरो सर्जन की जरूरत, मगर जनरल सर्जन भी सक्षम
अस्पताल में रखी लिथोट्रिप्सी मशीन संपाद स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार लिथोट्रिप्सी मशीन का संचालन यूरो सर्जन द्वारा ही किया जाता है, जो किडनी में पथरी का इलाज करते हैं। रेवाड़ी में नागरिक अस्पताल में यह पद रिक्त है। इससे साढ़े 3 करोड़ की मशीन लगने के बाद भी फायदा नहीं मिल पा रहा। सामान्य परिस्थितियों में जनरल सर्जन भी इस मशीन से इलाज कर सकते हैं, मगर इसके लिए स्पेशल ट्रेनिंग (कोर्स) की जरूरत होती है। रेवाड़ी में इस समय दो सामान्य सर्जन हैं। विभाग द्वारा लंबे समय से ना तो इस करोड़ों की मशीन के बेकार होने की चिंता की गई है और ना ही किडनी स्टोन के मरीजों के स्वास्थ्य की।
उनके संज्ञान में यह मामला पहले से ही है। अस्पताल में लगी लिथोट्रिप्सी मशीन खराब नहीं है। पिछले दिनों में मशीन को ठीक करा दिया गया था, लेकिन इसमें कुछ पार्ट्स लगने हैं। उसके लिए उच्च विभाग को लिखा गया है। जल्द मशीन ठीक होते ही ऑपरेशन भी शुरू कर दिए जाएंगे। अभी फिलहाल अस्पताल के सर्जरी विभाग में हर्निया, अपेंडिक्स व शिष्ट के ऑपरेशन हो रहे हैं।
डॉ. जयभगवान जाटान, सिविल सर्जन, रेवाड़ी।
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– मरीजों का बिना चीर फाड़ से ऑपरेशन किया जाता है। इस मशीन से 30 एमएम तक की पथरी को निकाला जा सकता है। इसमें मरीजों को भी दिक्कत नहीं उठानी पड़ती है। निशुल्क होता है।
हर महीने आते हैं 150- 200 मरीज, मगर कर दिए जाते हैं रेफर
बाहर अगर किडनी की पथरी का ऑपरेशन कराते हैं तो खर्चा भी महंगा पड़ता है, लेकिन सरकारी अस्पताल में इस मशीन से यह किडनी में स्टोन (पथरी) के नागरिक अस्पताल की सर्जरी ओपीडी में हर माह 150-200 मरीज आते हैं। इसमें बड़ी संख्या उनकी होती है, जिन्हें ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है। नागरिक अस्पताल में यह मशीन लगने के कुछ दिन तो मशीन की सहायता से ऑपरेशन किए गए, लेकिन अब करीब डेढ़ साल से मशीन खराब ही पड़ी है। । इससे ऑपरेशन भी नहीं हो रहे हैं। जो भी मरीज किडनी में स्टोन की शिकायत लेकर आ रहे हैं, उनको रेफर ही किया जा रहा है। मरीजों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
नागरिक अस्पताल में पथरी की नई मशीन आई है। इसको लेकर भी अपनी 8 एमएम पथरी निकलवाने के लिए चला गया था, लेकिन यहां पर मशीन खराब मिली। इसके बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए अगली तारीख दे दी अस्पताल आते हैं तो बार-बार अगली तारीख लिख देते हैं। पिछले 5 महीने से तंग आकर अपना ऑपरेशन बाहर से करा लिया। सरकार को गरीब लोगों की सुध लेनी चाहिए।
अरुण कुमार, झज्जर चौक
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किसी ने बताया था ने कि नागरिक अस्पताल में किडनी का बिना चीरफाड़ के आधुनिक मशीन से ऑपरेशन किया जाता है। यहां आकर पता चला कि यह मशीन काफी दिनों से खराब पड़ी है। डॉक्टर ने भी ऑपरेशन के लिए अगले महीने की नई तारीख दे दी थी। पिछले 7 महीने से तारीख पर तारीख मिल रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग मशीन को ठीक कराने को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रहा है। संदीप गुप्ता, बल्लवाड़ा।
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